प्रेम न हो, कहिले मीठो– कहिले पीडापूर्ण
राजेन्द्र स्थापित
झुकी झुकी सि नजर बेकरार है कि नहीं
दबादबा सा सही दिलमें प्यार है कि नहीं !
तु अपने दिलकी जवाँ धड्कनोंको गीन के बता
मेरा तरह तेरा दिल बेकरार है कि नहीं !
वो पलके जिसमें मोहब्बत जवान होती है
उस एक पलका तुझे इन्तजार है कि नहीं !
तेरी उम्मीदपे ठुकरा रहा हुँ दुनियाँको
तुझे भी अपने पे ये ऐतवार है कि नहींं… !
हिन्दी चलचित्र ‘अर्थ’ को यो गीत अभिनेत्री शवाना आजमीका पिता कवि कैफी आजमीले लेखेका हुन् । सन् १९८२ मा प्रदर्शित उक्त चलचित्…