विश्व सेरोफेरो

प्रचारको त्यो भरमार र अन्त्यको सानो एउटा समाचार

धिरे धिरे आ रे बादल धिरे आ  बादल धिरे धिरे जा मेरा बुलबुल सो रहा है  शोर–गुल न मचा धिरे धिरे आ रात धुँधली हो गयी है सारी दुनियाँ सो गयी है शर हिलाके कह रही हैं फूल क्यारी में सो गयी सो गयी सो गयी सो गयी लैला किसी के इंतजारी में मेरी लैलाको ओ बादल तु नजर ना लगा तु नजर न लगा ओ बादल तु नजर ना लगा मेरा बुलबुल सो रहा है शोर गुल न मचा  ओ गाने वाले धिरे गाना गीत तु अपना क्यों ? अरे टुट जायेगा किसीकी, आँख का सपना चुप…

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