आवारा, जसले दियो विदेशीलाई अपार आनन्द
आवारा हुँ
या गर्दिश में हुँ आसमानका तारा हुँ
घर–बार नहीं, संसार नहीं
मुझसे किसीको प्यार नहीं
उस पार किसीसे मिलनेका इकरार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं
सुनसान नगर अनजान डगरका प्यारा हुँ
आबाद नहीं, बर्बाद सही
गाता हुँ खुशीके गीत मगर
जख्मोंसे भरा सीना है मेरा
हंसती है मगर यह मस्त नजर
दुनियाँ में तेरे तीर का
या तकदिर का मारा हुँ
आवारा हुँ !
यो बहुचर्चित गीत हिन्दी चलचित्र ‘आवारा’ को हो । सन् १९५१ मा प्रदर्शित चलचित्र हिन्दी जगतका …